#आओ_प्रकृति_की_ओर_लौटें रासायनिक उर्वरको व रासायनो से जमीन के अन्दर रहने वाले सूक्ष्म जीव समाप्त, कीटनाशकों से खेतों पर मंडराने वाले लाभदायक मित्र कीट समाप्त, खरपतवार नाशकों से वानस्पतिक जैवविविधता समाप्त । सभी जीवों को मारकर जो अन्न पैदा किया जा रहा है, उसको खाकर मनुष्य आखिर कब तक स्वस्थ (जीवित) रहेगा ? देर-सबेर प्रकृति की ओर लौटना ही होगा । कहीं देर न हो जाये । आओ प्राकृतिक खेती करें और अन्य को प्रेरित करें.

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मृदा परिक्षण


समस्त ग्राम का मृदा कार्ड - केंद्र द्वारा अंगीकृत ग्रामो में सम्पूर्ण ग्रामो के मृदा नमूना लेकर ओसत मृदा परिक्षण चार्ट ग्रामो के सार्वजनिक स्थानों पर लगाया गया जिससे किसान बंधू अपने खेतो पर उर्वरको का उपयोग समुचित मात्र में कर सके । जिले के विभिन्न गांवों से मिट्टी के सूक्ष्मक्ष्म पोषक तत्वों का विश्लेषण किया गया है और प्राप्त परिणामों के आधार पर किसानों को सिफारिश की जाती है

श्री अन्न


जिले में आज से कई वर्ष पहले श्री अन्न की खेती की जाती थी परन्तु कुछ समय से श्री अन्न का बीज बिलुप्त हो गया कृषि विज्ञान केंद्र ने वर्ष 2018 से ग्रामीण महिलाओ एवं बच्चो के पोषण के स्तर को देखते हुए श्री अन्न का उत्पादन एवं उपभोग को बढ़ावा देने का कार्य किया गया | कृषि विज्ञान केंद्र में श्री अन्न से निर्मित उत्पाद बनाये जा रहा है जो विभिन्न प्रदर्शनियों में विक्रय किये जाते है

ड्रोन तकनिकी


ड्रोन तकनिकी की मदद से कीटनाशक, उर्वरक तथा पोषक तत्व छिडकाव किसानो के प्रक्षेत्र पर किया जा रहा है | ड्रोन के माध्यम से छिड़काव करने में समय एवं पानी की बचत हो रही है | पावर स्प्रेयर की अपेक्षा ड्रोन से लागत कम हो रही है गन्ने जैसे फसलो में सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहे है

नस्ल संबर्धन


पिछले पांच वर्षो में कुल 475 गायों को साहिवाल नदी से क्रॉस कराया गया है नस्ल सुधार के कारण बनखेडी के आस पास के एरिया, साहिवाल गाय की संख्या में वृद्धि हुई है साहिवाल नंदी से क्रॉस होने के कारण देशी गायो में पीढ़ी दर पीढ़ी नस्ल सुधार होने से दूध उत्पादन में वृद्धि हुयी है दूध का उत्पादन में वृद्धि से किसानो की आमदनी में वृद्धि हुई है

प्रसार कार्य


जिले में किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए विस्तार गतिविधियों आयोजित कि गई है। पक्षेत्र दिवस, किसान मेला, प्रदर्शनी, संगोष्ठी, फिल्म शो, विधि प्रदर्शन, व्यक्तिगत के रूप में दिया गया व्याख्यान, नैदानिक यात्रा, एक्सपोजर विजिट, किसानों का दौरा, पूर्व प्रशिक्षु बैठक, मिट्टी स्वास्थ्य शिविर,गाजर घास उन्मूलन दिवस जैसे विशेष दिवस पर तकनीकी सप्ताह का आयोजन करना आदि शामिल है

मास मिडिया


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