#आओ_प्रकृति_की_ओर_लौटें रासायनिक उर्वरको व रासायनो से जमीन के अन्दर रहने वाले सूक्ष्म जीव समाप्त, कीटनाशकों से खेतों पर मंडराने वाले लाभदायक मित्र कीट समाप्त, खरपतवार नाशकों से वानस्पतिक जैवविविधता समाप्त । सभी जीवों को मारकर जो अन्न पैदा किया जा रहा है, उसको खाकर मनुष्य आखिर कब तक स्वस्थ (जीवित) रहेगा ? देर-सबेर प्रकृति की ओर लौटना ही होगा । कहीं देर न हो जाये । आओ प्राकृतिक खेती करें और अन्य को प्रेरित करें.

Traning Organized

बीज उत्पादन


कीट/व्याधि प्रबन्धन


कम लागत में तैयार किए गए फल मक्खी ट्रेप का सफल प्रयोग कृषि विज्ञान केंद्र गोविंद नगर जिला नर्मदापुरम के द्वारा किसान बंधुओ के खेत मे सब्जियों में एकीकृत कीट प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया गया जिसमे किसान भाइयो को कम लागत के कीट प्रबंधन में उपयोगी ट्रेप्स को व्यावहारिक विधि से बनाना सिखाया गया जिसमे फल मक्खी के प्रबंधन हेतु उपयोग की हुई पानी की बोटल से निर्माण कराया और कम लागत के नीले पीले कार्ड बनाना सिखाया गया ग्राम तिंदवाड़ा में अधिकतर किसान सब्जी की खेती करते हैं और किसान बंधुओ का कहना है कि जब फल लगते हैं तब सोना मक्खी के द्वारा फल को क्षति पहुंचाया जाता है, इसके प्रकोप से बचने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा कम लागत में पानी की बोटल से तैयार ट्रेप का निर्माण करना किसान भाइयो को सिखाया गया । कृषक इसके उपयोग से बहुत खुश है लागत कम हुई है, फल एवं सब्जियों की गुणवत्ता बढ़ी है एवं अनावश्यक कीटनाशीयों के उपयोग से छुटकारा मिला है

उद्यानिकी


जिले में पहले धान,गेहूं, मूँग एवं रबी मौसम में प्याज, भिन्डी, बैगन लगता था पर कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा उन्नत प्रजाति का टमाटर पत्तागोभी, ब्रोकली, शिमला मिर्च , स्ट्राबेरी एवं भिन्डी की फसल को किसान बंधुओ ने अपनाया साथ में प्याज का भंडारण कर बाजार में अधिक मूल्य होने पर विपणन करने से और अन्य फसलो के समर्थन मूल्य बढने से किसानो को अधिक आय प्राप्त हो रहे है जो पहले की अपेक्षा अधिक आय है। किसानो को ड्रिप एवं मल्चिंग उपयोग की प्रशिक्षण दिया गया जिससे किसान बंधूओं को खरपतवार प्रबंधन करने में सहयता मिली साथ ही समन्वयित कीट प्रबंधन की प्रशिक्षण प्रदान की गिया जिससे कीटनाशी का खर्चा कम हुआ