#आओ_प्रकृति_की_ओर_लौटें रासायनिक उर्वरको व रासायनो से जमीन के अन्दर रहने वाले सूक्ष्म जीव समाप्त, कीटनाशकों से खेतों पर मंडराने वाले लाभदायक मित्र कीट समाप्त, खरपतवार नाशकों से वानस्पतिक जैवविविधता समाप्त । सभी जीवों को मारकर जो अन्न पैदा किया जा रहा है, उसको खाकर मनुष्य आखिर कब तक स्वस्थ (जीवित) रहेगा ? देर-सबेर प्रकृति की ओर लौटना ही होगा । कहीं देर न हो जाये । आओ प्राकृतिक खेती करें और अन्य को प्रेरित करें.

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  • आओ सीखे कम लागत में कीट प्रबंधन

    कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर में मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी  परिषद् भोपाल द्वारा वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत आन फार्म प्रोडक्शन आफ बायो एजेंट, बायो फ़र्टिलाइज़र एवं इनके अनुप्रयोग पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है जिसमे चयनित 25 किसानो को जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लिए महत्वपूर्ण अवयव विभिन्न बायो एजेंट जैंसे  ट्राईकोग्रामा, रेडुविड बग, ग्रीन लेस विंग, ई. पी. एन., ट्राईकोडर्मा, माईकोराईज़ा, एजोला आदि के उत्पादन तकनीक को किसानो को व्यवहारिक व् प्रायोगिक रूप से किसानो को सिखाया जा रहा है जिससे वो स्वम इनका उत्पादन कर इनका प्रयोग अपनी फसलो पर कीट प्रबंधन के लिये कर सके |

    मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी  परिषद् भोपाल द्वारा वित्त पोषित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को परियोजना के प्रधान अन्वेषक वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार नामदेव द्वारा संचालित किया गया जिसमे उन्होंने किसानो को विभिन्न बायोएजेंट जैंसे-  ट्राईकोग्रामा, रेडुविड बग, ग्रीन लेस विंग, ई. पी. एन., ट्राईकोडर्मा, माईकोराईज़ा के बारे में प्रायोगिक रूप से उत्पादन करना भी सिखा रहे इस प्रशिक्षण  के प्रथम दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन में केंद्र के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल , न्यास के नव नियुक्त प्रबन्धक श्री धर्मेन्द्र गुर्जर एवं केंद्र के प्रभारी डॉ. संजीव कुमार गर्ग द्वारा किया गया |

    धर्मेन्द्र जी द्वारा  किसानों को मार्गदर्शन देते हुए कहाँ की कृषि कार्य में कीटों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कुछ कीट आपके खेत के लिए लाभकारी होते हैं जिन्हें मित्र कीट कहा जाता है, जबकि कुछ कीट आपके फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिन्हें शत्रु कीट कहा जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि किसान भाई मित्र कीटों और शत्रु कीटों की पहचान करें और उनका सही प्रबंधन करें। 

    पांच दिवसीय यह प्रशिक्षण 26 से 30 सितम्बर तक आयोजित किया जायेगा जिसमे केंद्र के वैज्ञानिको के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र अनूपपुर एवं इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वैज्ञानिको का माग्रदर्शन किसानो को प्राप्त होगा |

     

     

    कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर, नर्मदापुरम  से ऐसे जुड़े

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    किसानों को घर बैठे 'किसान सारथी', के माध्यम से खेती-फसल से जुड़ी मिलेगी जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान सारथी की मदद से किसानों को जब चाहे जहाँ चाहे पूरी जानकारी मिल सकेगी, वो भी अपनी भाषा में किसान सारथी के माध्यम से किसान कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संबंधित वैज्ञानिकों से सीधे कृषि से जुड़ी सलाह ले सकते हैं| ICAR ने किसानों के लिए लॉन्च किया नया प्लेटफार्म किसान सारथी प्लेटफॉर्म से मिलेगी खेती से जुड़ी जानकारी किसानों को क्या लाभ मिलेगा ? डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान सारथी की मदद से खेती और फसलों से जुड़ी सही जानकारी हासिल करके किसान इसका लाभ उठा सकते हैं. वहीं, अच्छी फसल उपज की सही रकम समेत और भी कई मूलभूत चीजों की जानकारी किसान सारथी से हासिल कर सकते हैं. 14426 या 1800-123-2175 टोल फ्री नंबर पे काल करके सोमवार से शनिवार प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक कृषि से सम्बंधित समस्या/सलाह के लिए कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के कृषि वैज्ञानिको से सीधी बातचीत कर सकते है निचे दिए लिंक पर क्लिक कर मोबाइल एप डाउनलोड कर उसके के माध्यम से भी फोटो विडियो भेज कर समस्याओ का समाधान कर सकते है

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  • ड्रोन हेतु संपर्क करें : 7000034381
    किसान भाई को विभिन्न संसाधनों जैसे तरल उर्वरक, कीटनाशक का बेहतर उपयोग करने मे बनाये सक्षम कृषि ड्रोन ड्रोन हेतु संपर्क करें : 7000034381
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    कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर, नर्मदापुरम द्वारा 5 दिवसीय "उन्नत बीज उत्पादन तकनीक" पर व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु दिए गए लिंक https://forms.gle/spn2XyDHkbB2dN7S8 पर क्लिक पंजीयन अवश्य कराये | धन्यवाद
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  • धान की खेती में तरल जैव उर्वरक का उपयोग करे

  • गोविन्द तरल जैव उर्वरक ( ट्राइकोडर्मा विरडी)
    गोविन्द तरल जैव उर्वरक ( ट्राइकोडर्मा विरडी) " तरल जैव उर्वरक अपनाएं, मृदा की उर्वरता बढाए" लाभ पूर्ण रूप से जैविक पदार्थ । फफूंद जनित रोगों से बचाव में सहायक । फसल को रोग एवं कीट रोधी बनाता है । जड़ों को अधिक विकसित करता है । मृदा में लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या बढाता हैं। फसल में हरापन बढाकर बढ़वार में वृद्धि करता है। फसल की सभी अवस्थाओं में उपयोगी। बीज उपचार 2.5 मि.ली. तरल जैव उर्वरक को 1 कि.ग्रा. बीज की दर से बीज उपचार करें। मृदा उपचार: 1 लीटर तरल जैव उर्वरक को 50 कि.ग्रा. गोबर की खाद में मिलाकर प्रति एकड़ प्रयोग करें । प्रयोग से पूर्व पदार्थ को अच्छे से हिलाएं । ठन्डे एवं छायादार स्थान पर भण्डारित करें। जैव उर्वरक का प्रयोग किसी भी रसायन के साथ मिलाकर नही करना चाहियें ।
  • गोविन्द देसी घी
    परम्परागत बिधि से निर्मित भारतीय नस्ल (साहिवाल) गाय के A2 दूध से बना गोविन्द देसी घी स्वाद और शुद्धता ऐसी जो दिल जीत ले | प्राप्त करने के लिए संपर्क करे - कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर पलिया पिपरिया , बनखेडी, नर्मदापुरम 7987979803
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  • किसान सारथी मोबाइल आधारित कृषि सलाह सेवा
    सभी कृषक बंधू ध्यान देवे https://forms.gle/ACyKyR2Fe3zG37ma6 किसान सारथी मोबाइल आधारित कृषि सलाह सेवा में आपका स्वागत है, यह सेवा आपके कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर, नर्मदापुरम के द्वारा निःशुल्क दी जा रही है, ऊपर दिए लिंक पर क्लिक कर अपना पंजीयन कराये एवं कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर, नर्मदापुरम काल सेंटर पर काल कर कृषि से सम्बंधित जानकारी एवं समस्याओं का समाधान प्राप्त करे | यदि आप इस सेवा के लिए इच्छुक नहीं है तो इस नंबर 01204741923 पर कॉल करे. पंजीयन के बाद Toll free number – 14426/1800-123-2175 पर काल कर कृषि से सम्बंधित जानकारी एवं समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते है |
  • KVK में उत्पादन उत्पाद क्रय हेतु उपलब्ध है

  • पौधो में विभिन्न पोषक तत्वों की कमी के लक्षण

  • मलेरिया से सावधान होने का समय है ध्यान दे |

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